ये पुण्यस्थली, ये ज्ञान गली,
ये विद्या प्रज्ञा का आलय,
शत् शत् वंदन इस भूमि को
धन्य है ये महाविद्यालय…..
इन्द्रभान महाविद्यालय……
विश्व गुरु वसुधा के हम,
हम ही संस्कृति के वाहक हैं,
कला, गणित, विज्ञान, योग के,
वसुधा पर प्रवाहक हैं,
भारत के इसी बिंब का,
उद्देश्य का यहाँ प्रश्रय…
धन्य धन्य धन्य धन्य ये….
इन्द्रभान महाविद्यालय….
नूतन अर्वाचीन का,
हीन या प्रवीण का,
ज्ञान के पिपासु का,
तत्व के जिज्ञासु का,
सारथी है पार्थ का,
साधकों के सार्थ का,
मित्र है, गुरु है, प्रेरणा है,
मनीषियों का आश्रय…..
धन्य धन्य धन्य धन्य ये….
इन्द्रभान महाविद्यालय